कार्तिक माहात्म्य - द्वितीयोध्यायः ; कार्तिक माहात्म्य अध्याय २

कार्तिक माहात्म्य द्वितीयोध्यायः – Kartik Mahatmya Adhyay 2

कार्तिक माहात्म्य अध्याय 2 – Kartik Mahatmya Adhyay 2 : सत्यभामा पति की मृत्यु हो गयी तो शोकाकुल होने पर भी उसने धैर्य धारण किया और पति की अंतिम क्रिया करने के उपरांत आजीवन दो विशेष व्रतों का पालन करती रही एक एकादशी और दूसरी कार्तिक। दूसरे अध्याय की कथा में यह स्पष्ट हो जाता है कि कार्तिक मास भी एक व्रत ही है।

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