
कार्तिक माहात्म्य अध्याय 14 मूल संस्कृत में, अर्थ हिन्दी में
कार्तिक माहात्म्य अध्याय 14 मूल संस्कृत में, अर्थ हिन्दी में – कार्तिक माहात्म्य के चौदहवें अध्याय में नंदीश्वर, गणेश और कार्तिकेय इन तीनों के साथ कालनेमि, शुम्भ और निशुंभ के युद्ध का वर्णन है। जब दैत्यसेना पीड़ित होने लगी तब स्वयं जलंधर युद्ध करने आ गया। जलंधर ने वीरभद्र के मस्तक पर परिघ से प्रहार किया जिससे वह छिन्नमस्तक होकर रुधिर वमन करता हुआ भूमि पर गिर गया।