महालक्ष्मी व्रत कथा

महालक्ष्मी व्रत कथा – Mahalaxmi Vrat Katha

महालक्ष्मी व्रत कथा – Mahalaxmi Vrat Katha : पूजा करने के बाद प्रतिदिन कथा भी श्रवण करनी चाहिये। कथा श्रवण के विषय में जो महत्वपूर्ण तथ्य है वो यह है कि हिन्दी आदि अन्य स्थानीय भाषाओं में भाव समझने के लिये तो सुना जा सकता है किन्तु फलदायकता हेतु संस्कृत में ही श्रवण करनी चाहिये।

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पौषशुक्ल पुत्रदा एकादशी कथा - Putrada Ekadashi

पुत्रदा एकादशी व्रत कथा – Putrada ekadashi vrat katha

पुत्रदा एकादशी व्रत कथा – Putrada ekadashi vrat katha : पुत्रदा एकादशी की कथा में राजा सुकेतुमान पुत्रहीनता से दुखी था, लेकिन इस एकादशी के व्रत के प्रभाव से उसे पुत्र की प्राप्ति हुई। मुनियों की कृपा से राजा ने यह व्रत किया और सफलतापूर्वक एक तेजस्वी पुत्र पाया। यह व्रत न केवल इस लोक में पुत्र देता है, बल्कि मृत्यु के उपरांत स्वर्ग में भी स्थान दिलाता है।

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कार्तिक माहात्म्य - सप्तमोध्यायः, कार्तिक माहात्म्य अध्याय 7

कार्तिक माहात्म्य अध्याय 7

कार्तिक माहात्म्य अध्याय 7 : कार्तिक और माघादि मासव्रत करने वालों के लिये कुछ विशेष नियम बताये गये हैं और अन्य सभी व्रतों में भी इनका पालन करना आवश्यक होता है। इस प्रकार कार्तिक माहात्म्य के सातवें अध्याय में मुख्य रूप से नियमों की चर्चा – कर्तव्य और अकर्तव्य, विहित और निषिद्ध, ग्राह्य और त्याज्य आदि की चर्चा की गयी है।

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