फाल्गुनकृष्ण विजया एकादशी कथा - Vijaya ekadashi

विजया एकादशी व्रत कथा – Vijaya ekadashi vrat katha

विजया एकादशी व्रत कथा – Vijaya ekadashi vrat katha : कथा के अनुसार जब सीताहरण के बाद सेना के साथ लंका विजय करने के लिए भगवान श्रीराम समुद्रतट पर पहुंचे तो अथाह समुद्र को देखकर विचलित हो गये। भाई लक्ष्मण के बताने पर निकट में स्थित वकदाल्भ्य मुनि के आश्रम पर गए तो उन्होंने विजया एकादशी व्रत करने का उपदेश दिया। भगवान श्रीराम ने मुनि की बताई विधि के अनुसार विजया एकादशी का व्रत किया और व्रत के प्रभाव से लंका विजय करके पुनः सीता और लक्ष्मण सही अयोध्या नगरी में वापस आये।

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कार्तिक माहात्म्य - सप्तमोध्यायः, कार्तिक माहात्म्य अध्याय 7

कार्तिक माहात्म्य अध्याय 7

कार्तिक माहात्म्य अध्याय 7 : कार्तिक और माघादि मासव्रत करने वालों के लिये कुछ विशेष नियम बताये गये हैं और अन्य सभी व्रतों में भी इनका पालन करना आवश्यक होता है। इस प्रकार कार्तिक माहात्म्य के सातवें अध्याय में मुख्य रूप से नियमों की चर्चा – कर्तव्य और अकर्तव्य, विहित और निषिद्ध, ग्राह्य और त्याज्य आदि की चर्चा की गयी है।

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जयंती एकादशी व्रत कथा - Jayanti ekadashi vrat katha in hindi

जयंती एकादशी व्रत कथा – Jayanti ekadashi vrat katha in hindi

जयंती एकादशी व्रत कथा – Jayanti ekadashi vrat katha in hindi : कथा के अनुसार राजा बलि से वामन भगवान ने इसी दिन तीन पग भूमि में सब-कुछ लेकर उसे पाताल लोक भेजकर सदा उसके पास रहने का वचन दिया था। भगवान विष्णु एक रूप से क्षीरसागर में और दूसरे रूप से पाताल में राजा बलि के यहां भी निवास करते हैं।

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